विलादत बसआदत
हज़रत सय्यद शाह आले हुसैन सच्चे मियां कादरी मारहरवी,रहमतुल्लाह अलैह! की पैदाइश 21/ रबीउल आखिर 1177,हिजरी को मारहरा शरीफ ज़िला ऐटा में हुई।
आप के वालिद माजिद
आप के वालिद माजिद का नाम मुबारक हज़रत सय्यद शाह हमज़ाह ऐनी मारहरवी रदियल्लाहु अन्हु है।
आप ने कहाँ सुकूनत इख़्तियार की?
छेह 6, साल की उमर में आप के मामू नवाब सय्यद नूरुल हसन खान साहब! ने मुँह बोला बेटा बना कर अपने साथ अपनी जागीर सूबा बिहार ले गए और आप ने वहीं पर उमर गुज़ार दी, और आप कभी मारहरा शरीफ वापस नहीं आए, आप के भाई आप से मिलने बिहार जाते थे।
औलादे अमजाद
आप की अहलिया मुहतरमा का नाम “सय्यदह खेरुल फातिमा” बिन्ते सय्यद नूरुल हसन खान, आप के दो साहबज़ादे थे, (1) हज़रत सय्यद मुहम्मद सईद खान, (2) हज़रत सय्यद मुहम्मद तकी।
इजाज़तो खिलाफत
आप को बैअतो खिलाफत अपने वालिद माजिद सय्यदुल आरफीन हज़रत सय्यद शाह हमज़ाह ऐनी मारहरवी रहमतुल्लाह अलैह! से हासिल थी, आप का सब से अहम् कार नामा ये था के अपने मामू की मसनदे रियासत “सूबा बिहार” पर बैठने के बावजूद आप ने पूरी उमर यादे मौला इबादतों रियाज़त में बसर फ़रमाई।
इन्तिक़ाले पुरमलाल
5/ जमादिउल ऊला 1235/ हिजरी को हुआ।
मज़ार शरीफ
आप का मज़ार मुबारक कोआत बिहार रोहतास ज़िले में मरजए खलाइक है
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”
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रेफरेन्स हवाला
बरकाती कोइज़
तारीखे खानदाने बरकात