हज़रत सय्यद शाह औलादे रसूल कादरी मारहरवी रहमतुल्लाह अलैह

हज़रत सय्यद शाह औलादे रसूल कादरी मारहरवी रहमतुल्लाह अलैह

विलादत शरीफ

आप सय्यदुल आबिदीन हज़रत सय्यद शाह औलादे रसूल कादरी मारहरवी रदियल्लाहु अन्हु की विलादत मुबारक 5, शाबानुल मुअज़्ज़म 1212, हिजरी में हुई।

वालिद माजिद

आप हज़रत सय्यद शाह आले बरकात सुथरे मियां रहमतुल्लाह अलैह! के तीसरे साहबज़ादे हैं, और आप के दादा जान सय्यदुल आरफीन हज़रत शाह हमज़ाह ऐनी मारहरवी रदियल्लाहु अन्हु है, और आप के पर दादा का नामे नामी इस्मे गिरामी हज़रत सय्यद शाह आले मुहम्मद मारहरवी रहमतुल्लाह अलैह! हैं, और आप के जद्दे अमजद साहिबुल बरकात सुल्तानुल आशिक़ीन हज़रत “सय्यद शाह बरकतुल्लाह इश्कि” मरहरवी रहमतुल्लाह अलैह है।

तालीमों तरबियत

हज़रत सय्यद शाह औलादे रसूल कादरी मारहरवी कुद्दीसा सिररुहु! की तालीमों तरबियत और परवरिश आप के मुश्फिको महिर्बान चाचा शमशे मारहरा हज़रत सय्यद शाह आले अहमद अच्छे मियां मारहरवी कुद्दीसा सिररुहुन नूरानी ने की।

आप का निकाह

हज़रत सय्यद शाह औलादे रसूल कादरी मरहरवी कुद्दीसा सिररुहु! का निकाह सय्यदह कुदरत फातिमा बिन्ते हज़रत मीर सय्यद सआदत अली बिलगिरामी से हुआ, आप के चार साहबज़ादे हुए, (1) हज़रत सय्यद शाह मुहम्मद सादिक, (2) हज़रत सय्यद शाह मुहम्मद जाफर, (3) हज़रत सय्यद शाह मुहम्मद बाकर, (4) हज़रत सय्यद शाह मुहम्मद अस्करी रिद्वानुल्लाही तआला अलैहिम अजमईन।

इजाज़तो खिलाफत

आप को इजाज़तो खिलाफत मुरीद आप के चाचा हुज़ूर शमशे मारहरा हज़रत सय्यद शाह आले अहमद अच्छे मियां मारहरवी कुद्दीसा सिररुहुन नूरानी से हासिल थी, हुज़ूर शमशे मारहरा हज़रत सय्यद शाह आले अहमद अच्छे मियां रहमतुल्लाह अलैह है ने आप को अपनी तमाम मिलकियत अता फ़रमाई, अपने बाग़ात भी हज़रत शमशे मारहरा ने आप को अता फरमा दिए, अपने वालिद माजिद के विसाल के बाद अपने दोनों भाइयों हज़रत शाह आले रसूल अहमदी! और हज़रत शाह गुलाम मुहीयुद्दीन अमीर आलम! के साथ सज्जादए बरकातिया पर रौनक अफ़रोज़ हुए, और आप को फन्ने तकसीर और रूहानियत व सुल्बे अमराज़ में महारत हासिल थी, फन्ने तिब हिकमत अपने वालिद माजिद से सीखा, चंद रसाइल खानदानी हालात पर मीलाद मुबारक के बयान में भी आप ने रकम फरमाए हैं।

इन्तिक़ाले पुरमलाल

आप का विसाल 26/ रबिउस सानी 1268/ हिजरी को हुआ।

मज़ार शरीफ

आप का मज़ार मुकद्द्स मारहरा शरीफ ज़िला एटा यूपी हिन्द में ज़ियारत गाहे खलाइक है |

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला

  1. बरकाती कोइज़
  2. तारीखे खानदाने बरकात
  3. तज़किरा मशाइखे मारहरा

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