हज़रत ख्वाजा सय्यद आज़ुद्दीन अहमद यमनी बदायूनी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

हज़रत ख्वाजा सय्यद आज़ुद्दीन अहमद यमनी बदायूनी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

सीरतो ख़साइल

हज़रत ख्वाजा सय्यद आज़ुद्दीन अहमद बदायूनी रहमतुल्लाह अलैह! मुल्के यमन के शहज़ादे और हुसैनी सादात में से थे, वालिद का नाम सुल्तान इब्राहीम है, कुछ दिनों खिदमते ख़ल्क़ में मसरूफ रहे, इस के बाद सल्तनत तर्क कर के दुरवेशी इख़्तियार करली, शैख़ुश शीयूख हज़रत शहाबुद्दीन उमर सोहरवर्दी रहमतुल्लाह अलैह से मुरीद बैअत का शरफ़ हासिल किया, 604/ हिजरी में अपने अहलो अयाल के साथ मुल्तान होते हुए बदायूं तशरीफ़ लाए, सूफी कामिल और आरिफ़े बाक़माल थे।

औलादे अमजाद

सुल्तानुल आरफीन हज़रत ख्वाजा हसन शैख़ शाही रोशन ज़मीर बदायूनी रहमतुल्लाह अलैह और हज़रत शाहे विलायत ख्वाजा बदरुद्दीन शैख़ अबू बक्र मूऐताब बदायूनी रहमतुल्लाह अलैह आप के साहबज़ादे हैं, जिन को आम तौर से छोटे बड़े सरकार कहते हैं।

इन्तिक़ाले पुरमलाल

605/ हिजरी को आप का इन्तिकाल हुआ।

मज़ार शरीफ

आप का मज़ार मुबारक गंज शहीदा यूपी के ज़िला बदायूं शरीफ में मरजए खलाइक है।

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला

(1) मरदाने खुदा
(2) तज़किरतुल वासिलीन

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