हज़रत सय्यद अहमद जिलानी रदियल्लाहु अन्हु की ज़िन्दगी

हज़रत सय्यद अहमद जिलानी रदियल्लाहु अन्हु की ज़िन्दगी

तूरे इरफानो उलू हम्दो हुस्नो बहा
दे अली मूसा हसन अहमद बहा के वास्ते

आप की विलादत

आप की विलादत बा सआदत बगदाद शरीफ में हुई, ।

आप का इस्म शरीफ

आप का नामे नामी इस्मे गिरामी मीर हज़रत सय्यद अहमद जिलानी रदियल्लाहु अन्हु है ।

वालिद माजिद

आप के वालिद माजिद का नाम मुबारक हज़रत मीर सय्यद हसन रदियल्लाहु अन्हु है ।

तअलीमो तरबियत

आप की तालीम व तरबियत हज़रत मीर सय्यद हसन रदियल्लाहु अन्हु की सुह्बते बा फैज़ में हुई, और आप ही से खिलाफ़तो इजाज़त भी पाई,

आप के फ़ज़ाइल

सरदारे औलिया, तरीकत के इमाम, महबूबे सय्यद फखरे अनाम, कुद वतुस सालिकीन, ज़ुब दतुल आरफीन, हज़रत मीर सय्यद अहमद जिलानी रदियल्लाहु अन्हु आप सिलसिलए आलिया क़ादरिया रज़विया के 24, वे चौबीस वे इमाम व शैख़े तरीकत हैं, आप दूर्वेशे कामिल व फैज़े बयान आलम, थे आप मशाहीर औलियाए कामिलीन से हैं, आप ने दर्जाए आली पाया, रियाज़त व मुजाहिदा की तकमील के बाद मसनदे रुश्दो हिदायत पर जल्वाग़र हो कर हज़ारों गुम करदह राहों को सिराते मुस्तकीम पर गामज़न किया, हज़ारों को असरारे इलाही समझाया और बहुत से बुज़ुरगों ने फैज़े बातनि हासिल किया, आप जामे उलूमे सूरी व मअनवी थे, तजरीद व तफ़रीद रियाज़त व इबादत और आमिले शरीअत व तरीकत में मश्हूरे ज़माना थे ।

औलादे किराम

आप की औलादे किराम की तफ्सीली फहरिस्त दस्तियाब न हो सकी सिर्फ “हज़रत हाफ़िज़ सय्यद मुहम्मद इब्राहीम रदियल्लाहु अन्हु का नाम मिल सका ।

आप के खुलफ़ा

आप के खुलफाए किराम के हालात में से सिर्फ एक खलीफा “हज़रत शैख़ बहाउद्दीन शत्तारी रदियल्लाहु अन्हु” का ज़िक्र मिलता है ।

तारीखे विसाल व उर्स

आप का विसाल 19, मुहर्रमुल हराम 853, हिजरी को बगदाद शरीफ में हुआ ।

मज़ार मुबारक

आप का मज़ार मुबारक बगदाद शरीफ में मरजए खलाइक है ।

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला
  • तज़किराए मशाइखे क़ादिरिया बरकातिया रज़विया

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