तूरे इरफानो उलू हम्दो हुस्नो बहा
दे अली मूसा हसन अहमद बहा के वास्ते
आप की विलादत मुबारक
आप की विलादत बा सआदत बगदाद शरीफ में हुई, ।
आप का इस्म शरीफ
आप का नामे नामी इस्मे गिरामी हज़रत सय्यद शैख़ “अली” रदियल्लाहु अन्हु है ।
वालिद माजिद
आप के वालिद माजिद का नाम मुबारक हज़रत सय्यद मुहीयुद्दीन अबू नस्र रदियल्लाहु अन्हु है ।
आप की तालीमों तरबियत
आप की तालीम वालिद मुहतरम हज़रत सय्यद मुहीयुद्दीन अबू नस्र रदियल्लाहु अन्हु की सुह्बते बा बरकत में हुई और दीगर मशाइखे इज़ाम से भी इल्मे हदीस, इल्मे फ़िक़्ह, व दीगर उलूम की तालीम हासिल की और बहुत से लोगों ने आप से फ़ैज़ो बरकात पाया है ।
बैअतो खिलाफत
आप ने हज़रत सय्यद मुहीयुद्दीन अबू नस्र रदियल्लाहु अन्हु से शरफ़े बैअत हासिल किया, और वालिदे मुहतरम के अरशद खुलफ़ा में आप का शुमार होता है ।
आप के फ़ज़ाइल
शैखुल मशाइख, कुद वतुल औलिया, ज़ुब दतुल असफिया,आशिके महबूबे रब्बुल आलामीन, वाक़िफ़े असरारे ख़फ़ी व जली, हज़रत सय्यद अली रदियल्लाहु अन्हु आप सिलसिलए आलिया कदीरिया रज़विया के इक्कीसवे 21, वे इमाम, व शैख़े तरीकत हैं, आप अकमलुल कुमला थे, और अजीब शान रखते थे, आप उलूमे ज़ाहिर व बातिनी में यकताए रोज़गार थे, और मुआमलात व इशारात में अपनी नज़ीर आप थे, बड़े आली हिम्मत बुज़रुग थे, मुरव्वत के शहसवार थे, सखावत व बख्शिश और जू दू अता में यगानाए रोज़गार थे, फिरासत व दानाई में पुर कमाल थे, तजरीद व तौहीद व मुशाहिदा में फानी और तरीकत में मुजतहिद ला सानी थे, जामे शरीअत व तरीकत और इबादत व रियाज़त थे और ज़ुहदो तक्वा शिआरी में बे हमता थे,।
आप के खुलफ़ा
आप के खुलफ़ा में सिर्फ हज़रत सय्यद मूसा रदियल्लाहु अन्हु की निशान दही सिलसिलातुज़ ज़हब में मिलती है और औलादे अमजाद की कोई तफ्सील न मिल सकी ।
तारीखे वफ़ात व उर्स
आप का विसाल 23, शव्वालुल मुकर्रम 739, हिजरी में बगदाद शरीफ में हुआ ।
मज़ार मुकद्द्स
आप का मज़ार मुकद्द्स बगदाद शरीफ में मरजए खलाइख है ।
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”
रेफरेन्स हवाला
- तज़किराए मशाइख़े क़ादिरया बरकातिया रज़विया