हज़रते सय्यदना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी रदियल्लाहु अन्हु की ज़िन्दगी

हज़रते सय्यदना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी रदियल्लाहु अन्हु की ज़िन्दगी (पार्ट- 6)

क़ादरी कर कादरी रख क़दरियों में उठा
क़द्र अब्दुल क़ादिरे कुदरत नुमा के वास्ते

आप की औलादे अमजाद

आप ने चार निकाह किए, इब्ने नज्जार ने अपनी तारिख में बयान किया है के में ने आप के साहब ज़ादे हज़रत सय्यद अब्दुर रज़्ज़ाक कुद्दीसा सिररुहुन नूरानी से सुना के वो फरमाते हैं के मेरे वालिद माजिद की उनन्चास 49, औलादे हुईं सत्ताईस 27, लड़के और 22, लड़कियां और “बहजतुल असरार शरीफ” जो आप के मनाक़िब में मुकद्दम मुस्तनद तिरीन किताब है इस में लड़कों की तादाद दस लिखी है, बकी के अस्मा नहीं मिलते इन्हीं मतलूबा अस्मा के नाम ज़िक्र किए जाते हैं वो इस तरह हैं:

(1) हज़रत शैख़ अबू अब्दुल्लाह सय्यद अब्दुर रहमान कुद्दीसा सिररुहुन नूरानी विलादत 508, और वफ़ात 570, हिजरी में हुई आप अपने वक़्त में इल्मे हदीस के माहिर थे,
(2) हज़रत शैख़ इमाम सैफुद्दीन अबू अब्दुल्लाह अब्दुल वहाब विलादत 522, हिजरी में बग़दाद में पैदा हुए और 25, शव्वाल या शाबान 593, हिजरी में वफ़ात पाई आप अपने सब भाइयों में मुमताज़ और बड़े फकीह अहसनुल कलाम मसाइल में माहिर थे, बहुत ही खुश बयान और फसीह व बलीग़ अकील, फहीम, बा मुरव्वत सखी थे,
(3) हज़रत सय्यद शरफुद्दीन अबू मुहम्मद आप की कुन्नियत अबी अब्दुर रहमान ऐनी भी है आप फ़िक़्ह व इल्मे हदीस में कामिल थे मिस्र व ईराक में जमाअते कसीराह से आप फैज़ याब हुए अपने वालिद के विसाल के बाद बारह साल तक हयात रहे और हज़रत अब्दुल वहाब से बीस साल पहले आप की वफ़ात हुई जो तारिख 12, रमज़ानुल मुबारक 572, हिजरी है,
(4) हज़रत सय्यद इमाम जमालुद्दीन अबू अब्दुर रहमान आप की कुन्नियत अबुल फराह भी है और नाम अब्दुल जब्बार, है 19, शाबान 573, हिजरी को बग़दाद शरीफ में वफ़ात पाई, आप बड़े खुश नवेस सूफी व साफी थे खुश अख़लाक़ मुहिब्बे अहले फुज़्ला थे,
(5) हज़रत सय्यद ताजुद्दीन अबू बक्र अब्दुर रज़्ज़ाक रहमतुल्लाह अलैह,
(6) हज़रत सय्यद शमशुद्दीन अबू मुहम्मद आप की कुन्नियत अबू बक्र भी है और नाम “अब्दुल अज़ीज़” है आप सत्ताईस या अठ्ठाईस शव्वाल 580, हिजरी में पैदा हुए आप ने अपने वालिद और बहुत से लोगों से इल्म हासिल किए आप बड़े आलिमो फ़ाज़िल और उलूमे दीन में कामिल थे अस्सी या अठ्ठाईस रबीउल अव्वल 602, हिजरी में विसाल हुआ,
(7) हज़रत सय्यद अबू इस्हाक इब्राहीम रहमतुल्लाह अलैह आप 527, हिजरी में पैदा हुए और 25, ज़ी कायदा 623, या 592, हिजरी में वासित में इन्तिकाल फ़रमाया, आप बहुत सिका, करीमुल अख़लाक़ और उलमा में मुमताज़ थे बग़दाद से शहर वासित में आ कर वहीँ विसाल हुआ,
(8) हज़रत सय्यद अबुल फ़ज़्ल मुहम्मद आप ने अपने वालिद माजिद से इल्मे फ़िक़्ह हासिल किया और इन के अलावा दूसरे मशाइख से भी फैज़ हासिल किया और हदीसें सुनी आप बड़े सिका आलिम थे, 25, ज़ी कायदा,660, हिजरी को बग़दाद में वफ़ात पाई और मकबरा हल्बा में मज़ार शरीफ है,
(9) हज़रत सय्यद ज़ियाउद्दीन अबू नस्र मूसा आप की पैदाइश रबीउल अव्वल 535, में हुई आप बड़े फकीह मुहद्दिस, और अपने वक़्त के फ़ाज़िल व अदीब थे, आप ने मुल्के दमिश को अपनी जाए इक़ामत बनाया और वहीँ जमादिउल उखरा 618, हिजरी को वफ़ात पाई,
(10) हज़रत सय्यद अबू ज़करिया याहया रहमतुल्लाह अलैह आप छेह रबीउल अव्वल 550, हिजरी में पैदा हुए आप हज़रत के साहब ज़ादों में सब से छोटे थे, आप बचपन में ही मिस्र चले गए थे और फिर बड़े हो कर अपने फ़रज़न्द के साथ बगदाद वापस आए, आप बड़े आलिम व फकीह और खुश अख़लाक़ थे आप का विसाल 4, या 15, शाबान 660, या 600, हिजरी में बगदाद में हुआ ।

आप की साहबज़ादियाँ

  1. हज़रते खदीजा
  2. हज़रते फातिमा समीना
  3. हज़रते आइशा

आप के खुलफाए किराम

आप के खुलफ़ा की सही तादाद किसी किताब से नहीं मालूम होती उल्माए किराम व मुअर्रिख़ीन ने मुजमलन ज़िक्र किया है जिन में से हम कुछ खुलफ़ा का ज़िक्र करते हैं:

  1. हज़रत शैख़ ज़ियाउद्दीन अबू नजीब सोहरवर्दी,
  2. हज़रत शैख़ शहाबुद्दीन सोहरवर्दी,
  3. हज़रत शैख़ अबू मदयन शोएब मगरिबी,
  4. हज़रत शैख़ अबू उमर उस्मान बिन मरज़ूक़ बताही,
  5. हज़रत शैख़ अबू मुहम्मद जुब्बाई,
  6. हज़रत शैख़ अबुल हसन अली बिन इदरीस याकूबी,
  7. हज़रत शैख़ क़ज़ीबुल बान मूसली,
  8. हज़रत शैख़ अबुल फराह सदक़ा बिन हुसैन बगदादी,
  9. हज़रत हाफ़िज़ शैख़ अब्दुल गनी मुकददसि,
  10. हज़रत शैख़ जमालुद्दीन यूनुस कसार हाशमी,
  11. हज़रत शैख़ अबुल अब्बास बिन अरीफ संहाजी उन्दुलूसी,
  12. हज़रत शैख़ अबुल कासिम ख़लफ़ बिन अयाश बिन अब्दुल अज़ीज़ मिसरी,
  13. हज़रत शैख़ अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद बताहि,
  14. हज़रत शैख़ अबू हफ्स उमर बिन अहमद यमनी,
  15. हज़रत शैख़ अबुल बका सालेह बहाउद्दीन,
  16. हज़रत शैख़ अब्दुर रज़्ज़ाक बिन शैख़ अब्दुर रहमान तफ़्सूंजी,
  17. हज़रत शैख़ अली बिन मुहम्मद बिन अहमद बगदादी मारूफ बाबिन अल हामी और इन के वालिद शैख़ मुहम्मद बिन अहमद बगदादी,
  18. हज़रत शैख़ अबू उमर उस्मान बिन इस्माईल बिन इब्राहीम साआदि मुलक्कब शाफ़ई,
  19. हज़रत शैख़ अरसलान बिन अब्दुल्लाह बिन कीज़ानी,
  20. हज़रत शैख़ अबुल अब्बास अहमद बिन खलील जूसकी सरसरी,
  21. हज़रत शैख़ मुहम्मद बिन अहमद बिन मुहम्मद बिन कुदामा,मुकददसि हज़रत सय्यदना शैख़ अब्दुर रज़्ज़ाक बिन अब्दुल कादिर जिलानी और आप के अक्सर साहबज़ाद गान को भी आप से ही खिलाफ़तो इजाज़त हासिल थी, रिद्वानुल्लाही तआला अलैहिम अजमईन ।
तारीखे विसाल व उर्स

इमामुल औलिया शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी रदियल्लाहु अन्हु ने 11, या 17, रबीउल आखिर 561, हिजरी 1166, ईसवी बरोज़ पीर बाद नवाज़े इशा इक्कीयान वे साल की उमर शरीफ में बग़दाद शरीफ में विसाल फ़रमाया, इन्ही तारिख में आप का हर साल उर्स होता है, “इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलईही राजिऊन” ।

मज़ार मुक़द्द्स

आप का मज़ार शरीफ मुल्के ईराक की राजधानी बाग्दाद् शरीफ में है, हर साल उर्स की मुक़द्द्स तारिख में बेशुमार मखलूक फ़ैज़ो बरकात से मुस्तफ़ीज़ हो कर लोटती है, ज़ायरीन का अज़्दहाम रहता है |

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला
  • बहजतुल असरार उर्दू मआदिनुल अनवार,
  • तबक़ातुल कुबरा जिल्द 1, शआरानी,
  • कलाईदुल जवाहिर,
  • हयाते गौसुलवरा,
  • सीरते गौसे आज़म,
  • ख़ज़ीनतुल असफिया जिल्द अव्वल,
  • अख़बारूल अखियार फ़ारसी व उर्दू,
  • मसालिकुस्सलिकीन जिल्द अव्वल,
  • अवारिफुल मआरिफ़,
  • तज़किराए मशाइखे इज़ाम जिल्द अव्वल,
  • सैरुल अखियार महफिले औलिया,
  • हक़ीकते गुलज़ारे साबरी,
  • जामे करामाते औलिया जिल्द 1,
  • अल्लाह के मशहूर वली,
  • तज़किराए मशाइख़े क़ादिरया बरकातिया रज़विया,
  • सीरते गौसुस सक़लैन,
  • सफीनतुल औलिया,
  • नफ़्हातुल उन्स,
  • गौसे पाक के हालात,

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