हज़रत ख्वाजा महमूद मोइयना दोज़ सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह

हज़रत ख्वाजा महमूद मोइयना दोज़ सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह

बैअतो खिलाफत

हज़रत ख्वाजा महमूद मोइयाना दोज़ सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! हज़रत शैख़ ख्वाजा क़ाज़ी हमीदुद्दीन नागोरी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! के ख़ास मुरीदों में से थे, क़ुत्बुल अक्ताब हज़रत ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह के मुसाहिब साथियों मुहिब्बीन और मोतक़िदीन में से थे, आप बड़े आबिदो ज़ाहिद ज़ुहदो वरा, तक्वा तदय्युन मुत्तक़ी और साहिबे करामत बुज़रुग थे, सिमअ को निहायत शोक से सुनते,
अगर किसी को कोई मुश्किल पेश आती है तो वो आप के मज़ार शरीफ से पथ्थर का टुकड़ा या ईंट उठा कर ले आता है और घर में रख लेता है तो मुश्किल आसान हो जाती है और जब परेशानी ख़त्म हो जाती है तो इस पथ्थर के वज़न के बराबर शकर ले कर गरीबों में बाँट दी जाती है, और पथ्थर को वहीँ पर रख देते हैं, आप का इन्तिकाल 55, साल की उमर में हुआ,

वफ़ात

आप की तारीखे विसाल 655, हिजरी है।

मज़ार मुबारक

आप का मज़ार मुबारक लाडो सराए, महरोली शरीफ दिल्ली 30, में काले महल के सेहन में एक चबूतरे पर बना मरजए खलाइक है।

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला

  • मिरातुल असरार
  • रहनुमाए माज़राते दिल्ली
  • ख़ज़ीनतुल असफिया

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