सीरतो ख़ासाइल
सय्यदुर राहीमीन हज़रत मीर सय्यद शाह ओवैस चिश्ती बिलगिरामि रहमतुल्लाह अलैह! हज़रत मीर सय्यद अब्दुल जलील रहमतुल्लाह अलैह के छोटे साहबज़ादे हैं, आप अपने वालिद माजिद के बाद सज्जादा नशीन हुए, तालीमों तरबियत अपने वालिद माजिद से ही हासिल की तमाम उमर हिदायत रहनुमाई मखलूके खुदा, और इबादतो रियाज़त में मशग़ूलो मसरूफ रहे, आप की सीरत का सब से रोशन पहलु ये है के आप अफू दरगुज़र, मुआफ, ज़ुहद, के पैकर थे, किसी से भी इंतिकाम नहीं लेते थे यहाँ तक के जानवरों पर भी आप बहुत रहम किया करते थे।
वालिद माजिद
आप के वालिद माजिद का इस्मे गिरामी “हज़रत सय्यद मीर अब्दुल जलील चिश्ती बिलगिरामि सुम्मा मारहरवी रदियल्लाहु अन्हु” है, और आप के सगे दादा जान! दसवीं सदी हिजरी के एक अज़ीम इल्मी व रूहानी साहिबे कशफो करामात बुज़रुग हैं और दसवीं सदी हिजरी के मुजद्दिद भी शुमार किए गए हैं, आप की किताब “सबए सनाबिल” शरीफ काफी मशहूर है हुज़ूर रह्मते आलम नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में कुबूलियत का दर्जा रखती है।
अक़्द मस्नून (निकाह)
हज़रत मीर सय्यद शाह ओवैस चिश्ती बिलगिरामि रहमतुल्लाह अलैह! का निकाह! दुख्तर सय्यद अलाउद्दीन बिलगिरामी इब्ने, सय्यद हमज़ाह इब्ने, सय्यद सफ़दर जहाँ! से आप का अक़्द हुआ।
हज़रत मीर सय्यद शाह ओवैस चिश्ती बिलगिरामि रहमतुल्लाह अलैह! के तीन साहबज़ादे थे, (1) साहिबुल बरकात सुल्तानुल आशिक़ीन हज़रत सय्यद शाह बरकतुल्लाह मरहरवी! (2) और हज़रत सय्यद शाह अज़्मतुल्लाह (3) और हज़रत सय्यद शाह रहमतुल्लाह थे, और दो साहबज़ादिया थीं, (1) जिन में से बड़ी साहबज़ादी का अक़्द निकाह सय्यद मुहिब्बुल्लाह बिन, सय्यद अब्दुन नबी बिन, सय्यद तय्यब! से हुआ,
और इन से औलादें भी हुईं, हज़रत सय्यद शाह अज़्मतुल्लाह का अक़्द मस्नून सय्यद काफी इब्ने, सय्यद अबुल फतह की बड़ी साहबज़ादी से जो उनकी दूसरी बीवी से थीं उन से ही हुआ, और उन की सिर्फ एक साहबज़ादी थीं जिन का अक़्द मस्नून हज़रत सय्यद शाह आले मुहम्मद इब्ने, हज़रत सय्यद शाह बरकतुल्लाह रहमतुल्लाह अलैह! से हुआ, और हज़रत सय्यद शाह रहमतुल्लाह का अक़्द मस्नून हज़रत सय्यद शाह मीर अब्दुल जलील मारहरवी के साहबज़ादे सय्यद मुहम्मद अशरफ की साहबज़ादी नूर बीबी! से हुआ था, उन के दो साहबज़ादे हज़रत सय्यद कुदरतुल्लाह! और सय्यद अयातुल्लाह! थे, हज़रत सय्यद कुदरतुल्लाह! उन फ़वाने शबाब में मुर्शिदाबाद में इन्तिकाल हुआ वहीँ दफन भी हुए, सय्यद अयातुल्लाह का निकाह सय्यद अब्दुल वाहिद बिन, सय्यद खलील कबीला भत्ता! से अक़्द हुआ था।
आप के मशाहीर खुलफाए किराम
आप के सब से मश्हूरो मारूफ खलीफा आप के साहबज़ादे (1) साहिबुल बरकात सुल्तानुल आशिक़ीन हज़रत सय्यद शाह बरकतुल्लाह इश्कि मरहरवी रहमतुल्लाह अलैह! (2) हज़रत सय्यद शाह रहमतुल्लाह मारहरवी रहमतुल्लाह अलैह! (3) हज़रत सय्यद शाह अज़्मतुल्लाह रहमतुल्लाह अलैह! (4) हज़रत शाह रहबर रहमतुल्लाह अलैह! थे।
इन्तिक़ाले पुरमलाल
20/ रजाबुल मुरज्जब सफारुल मुज़फ्फर बरोज़ पीर 1057/ हिजरी में मारहरा शरीफ में हुआ।
मज़ार मुबारक
आप का मज़ार मुबारक क़स्बा बिलगिराम शरीफ ज़िला हरदोई यूपी इंडिया में ज़ियारत गाहे ख़ल्क़ है।
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”
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रेफरेन्स हवाला
(1) बरकाती कोइज़
(2) मासिरुल किराम तारीखे बिलगिराम
(3) तारीखे खानदाने बरकात