हालाते ज़िन्दगी
हज़रत शैख़ अब्दुल अज़ीज़ बस्तामी चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह! हज़रत ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! के खलीफा हैं, मज़ार मुबारक की जगह हज़रत ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह ने आप ही से खरीदी थी,
किताब “औलियाए दिल्ली की दरगाहें” में लिखा है, के आप का तअल्लुक़ सोहरवर्दिया सिलसिले से है, आप की ज़िन्दगी के बारे में हमें किसी भी किताब से कोई जानकारी नहीं मिली, लेकिन आप का मज़ार शरीफ! हज़रत ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! से पहले और दिल्ली सल्तनत के क़याम के इब्तिदाई यानी शुरू दौर में ही तामीर किया गया, एक जगह ज़िक्र है के आप हज़रत ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! से पहले दिल्ली के शैखुल इस्लाम! थे, जो ख्वाजा बस्त! के नाम से मशहूर हुए,
आप का मज़ार मुबारक ख्वाजा क़ुतुब की दरगाह के शुमाल मगरिबी कोने पर मौजूद है।
मज़ार शरीफ
आप का मज़ार मुबारक महरोली शरीफ दिल्ली में हज़रत ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! की दरगाह के शुमाल मगरिब की जानिब कोने पर मौजूद है।
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”
रेफरेन्स हवाला
(1) रहनुमाए मज़ाराते दिल्ली
(2) औलियाए दिल्ली की दरगाहें
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