सीरतो ख़ासाइल
हज़रत ख्वाजा जल्दक सर खील बदायूनी रहमतुल्लाह अलैह! आप का असल नाम मालूम ना हो सका, कहते हैं के यमन के मशहूर कबीला जल्दक के सरखील सरबराह थे, और जल्दक सरखील कहलाते थे, आप के आबाओ अजदाद हज़रत ख्वाजा सय्यद आज़ुद्दीन अहमद यमनी रहमतुल्लाह अलैह के साथ यमन से चल कर बदायूं आए थे, हज़रत ख्वाजा जल्दक सर खील बदायूनी रहमतुल्लाह अलैह! फ़ज़्लो कमाल के मालिक थे, मशहूर है के शाहे विलायत हज़रत शैख़ अबू बक्र बदायूनी उर्फ़ छोटे सरकार रहमतुल्लाह अलैह के मुरीद व खलीफा थे, वासिलाने हक में आप का शुमार होता था, आप विसाल के बाद सज्जादा नशीन बने लेकिन एहतिराम की वजह से बरसों सज्जादा नाशिनी की गद्दी पर कदम नहीं रखा था चूम कर उस के करीब बैठ जाते थे, साहिबे करामत अहले मारफत थे,
बाज़ कहते हैं के हज़रत शैख़ अबू बक्र बदायूनी उर्फ़ छोटे सरकार रहमतुल्लाह अलैह के मोअतक़िदीन मुहिब्बीन में शामिल हैं।
वफ़ात
9/ मुहर्रम 711/ हिजरी में हुआ, बाज़ हज़रात इस का इंकार करते हैं के आप की तारीखे विसाल ये नहीं है, वल्लाहु आलम।
मज़ार मुक़द्दस
आप का मज़ार शरीफ मकबरा सरखिलान, ज़िला बदायूं शरीफ यूपी इंडिया में मरजए खलाइक है।
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”
रेफरेन्स हवाला
(1) मरदाने खुदा
(2) तज़किरतुल वासिलीन
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