हज़रत ख्वाजा शैख़ ऐनुद्दीन कस्साब सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

हज़रत ख्वाजा शैख़ ऐनुद्दीन कस्साब सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

बैअतो खिलाफत

हज़रत ख्वाजा शैख़ ऐनुद्दीन कस्साब सोहरवर्दी रहमतुल्लाह अलैह! हज़रत शैख़ ख्वाजा क़ाज़ी हमीदुद्दीन नागोरी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! के मुरीदो खलीफा! हैं, आप ज़ुहदो वरा, तक्वा तदय्युन परहेज़गारी, और कशफो करामात में बे मिसाल थे, जो कुछ फरमाते अल्लाह पाक उस को पूरा फरमा दिया करता था, आप नोहटा! गाऊं में गोश्त बेचा करते थे इस लिए आप को कस्साब कहते थे,
सुल्तानुल मशाइख सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! फरमाते हैं के में ने ख्वाजा ऐनुद्दीन कस्साब सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! को देखा था, और में उन की सुहबत में भी रहा हूँ, हज़रत क़ाज़ी फखरुद्दीन नाकिला एक मर्तबा आप की खिदमते बा बरकत में हाज़िर हुए, और अर्ज़ की हज़रत दुआ फरमाएं के में क़ाज़ी बन जाऊं, आप ने फ़रमाया जाओ क़ाज़ी बन जाओगे, चुनांचे ऐसा ही हुआ थोड़ी ही मुद्दत में आप क़ाज़ी बन गए,
जभी तो किसी शायर ने खूब कहा है:

नगाहे वली में वो तासीर देखि
बदलती हज़ारों की तकदीर देखि

आप की दुआ से अमीर हो गया

एक दूसरा आदमी हज़रत ख्वाजा ऐनुद्दीन कस्साब सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! की दुआ से अमीर मालदार बन गया था, हज़रत मौलाना वजीहुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह आप की दुआ से आलिमे रब्बानी और तक्वा तदय्युन वाले बन गए थे, हज़रत मौलाना अहमद भी उन की दुआ से अल्लाह वाले हो गए थे, इसी तरह जो शख्स भी आप की बारगाह में हाज़िर होता अपनी खाली झोली मुराद से भर लेता।

मज़ार शरीफ

आप का मज़ार शरीफ दिल्ली में अढ़चनी! गाऊं, मुत्तसिल लाइट किलब होटल मोड़, अरविन्द मार्ग पर सीधे हाथ को स्कूल के पास हज़रत माई साहिबा रहमतुल्लाह अलैहा! से आगे महरोली शरीफ जाते हुए है मगर इस वक़्त हालत ये है के गोबर, कचरा कूड़ा डाल कर मज़ार शरीफ को दबा दिया है, लोगों की नियतें ख़राब हैं मज़ार शरीफ और इस के इर्द गिर्द ज़मीन पर कब्ज़ा करना चाहते हैं, हमारी अहले खेर हज़रात से गुज़ारिश है के वो मज़ार मुबारक पर तवज्जुह दें देख भाल करें और मज़ार शरीफ बन वाएं अगर आप अपने सूफ़ियाए किराम व बुज़ुर्गों को भूल जाएंगें तो याद रखना हमेशा नुकसान ही उठाओगे।

वफ़ात

अफ़सोस की आप की तारीखे विसाल न मिल सकी।

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला

मिरातुल असरार
रहनुमाए माज़राते दिल्ली

Share this post