हज़रत ख्वाजा शैख़ अल्लाह दाद नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

हज़रत ख्वाजा शैख़ अल्लाह दाद नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

बैअतो खिलाफत

आप हज़रत ख्वाजा शैख़ अल्लाह दाद नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! के ख़ास असहाब व रुफ्क़ा में से हैं, और आप के खलीफा भी हैं, जब हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! लाहौर से मावरा उन्नहर! तशरीफ़ ले जा रहे थे, तो आप हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! की खिदमत में तशरीफ़ लाए, वहां आप की नवाज़िशात औरादो वज़ाइफ़ व मुराकिबा की तालीम आप से अखज़ की,
फिर जब हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! ने इस सफर से हिंदुस्तान तशरीफ़ लाए तो हज़रत ख्वाजा शैख़ अल्लाह दाद नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! ने इंतिहाई अकीदत, आजिज़ी और इंकिसारी के साथ आप की सुहबत में रहने लगे, मुसाफिरों के खाने, पीने और खानकाह के लिवाज़िमात का इन्तिज़ामो इनसिराम आप ही करते थे, और ऐसी खिदमत ज़ाहिरी के बावजूद आप एक लम्हे के लिए भी ज़िक्रो अज़कार और बातनी अहवाल से गाफिल न थे, यहाँ तक के अपने मुर्शिद की खास तवज्जुहात से आप आला कमालात तक पहुंच गए,
अगर कोई तालिब हज़रत ख्वाजा हुस्सामुद्दीन की खिदमत में आ कर इस सिलसिले के ज़िक्र व मुराकिबा की दरख्वास्त करता तो उसे आप हज़रत ख्वाजा शैख़ अल्लाह दाद नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह! की खिदमत में भेज देते।

अनफासुल आरफीन! में हज़रत शाह वलियुल्लाह मुहद्दिसे देहलवी रहमतुल्लाह अलैह तहरीर फरमाते हैं, के हज़रत ख्वाजा शैख़ अल्लाह दाद नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! पहले दूसरे सिलसिले से बाहरवार हुए, और बहुत से हम अस्र बुज़ुर्गों की खिदमत में पहुंचे, जब हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! की बारगाह में पहुंचे तो पिछले तमाम दफ़ातर मार्फ़त को लपेट कर रख दिए, और हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! की तरफ ख़ास तवज्जुह की, खानकाह की तमाम खिदमात अपने ज़िम्मे ले लीं, ख़्वाह ज़ाहिरी खिदमात मसलन कयामो तआम का इंतिज़ाम, ख़्वाह बातनी खिदमत यानि तालिबान हक की मिजाज़ा पुरसी, दरयाफ्त हाल और उनपर पूरी तवज्जुह देते, बेखुदी इस्तगराक की कैफियत जो निस्बते नक्शबंदिया का हाल समझी जाती थी, हज़रत ख्वाजा शैख़ अल्लाह दाद नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह! में इस कद्र थी के बावजूद इन तमाम खिदमात और मशागिल के वो हर वक़्त उससे पुर कैफ रहते थे,
हज़रत ख्वाजा शैख़ अल्लाह दाद नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह! के बारे में ज़ियादा तफ्सील तहरीर नहीं है, कई किताबों में एक जैसी ही तहरीर मिलती है,

हज़रातुल क़ुद्स! में हज़रत अल्लामा बदरुद्दीन सरहिंदी रहमतुल्लाह अलैह रकमतराज़ हैं: आप पर फनाओ मस्ती ग़ालिब थी, हमेशा ख़ल्वत व गोशा नशिनी में बसर करते थे, इस साहिबे कमाल बुज़रुग की वफ़ात रमज़ान शरीफ 1049/ हिजरी में वाके हुई, आप की कब्रे अनवर दिल्ली में हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! से मगरिब की जानिब है।

मज़ार मुकद्द्स

आप का मज़ार मुबारक दिल्ली शरीफ में हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! के मज़ार मुबारक के पास में ही मरजए खलाइक है।

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला

ज़ुुब्दतुल मक़ामात
सीरते ख्वाजा बाकी बिल्लाह

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