हज़रत मौलाना शाह रफीउद्दीन मुहद्दिसे देहलवी नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

हज़रत मौलाना शाह रफीउद्दीन मुहद्दिसे देहलवी नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

तालीमों तरबियत

हज़रत मौलाना शाह रफीउद्दीन मुहद्दिसे देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! हज़रत इमाम शाह वलीउल्लाह मुहद्दिसे देहलवी नक्शबंदी मुजद्दिदी रहमतुल्लाह अलैह के दूसरे बेटे हैं, आप ने सनादे हदीस अपने वालिद माजिद और उन के खलीफा हज़रत मौलाना शाह मुहम्मद आशिक रहमतुल्लाह अलैह से हासिल की थी, आप इल्मो अमल ज़ुहदो वरा, तक्वा तदय्युन में अपने वालिद हज़रत शाह वलीउल्लाह मुहद्दिसे देहलवी नक्शबंदी मुजद्दिदी रहमतुल्लाह अलैह और अपने भाई मुजद्दिदे वक़्त सिराजुल हिन्द हज़रत अल्लामा मुफ़्ती शाह अब्दुल अज़ीज़ मुहद्दिसे देहलवी नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह के नक़्शे कदम पर थे,
जब हज़रत मौलाना शाह रफीउद्दीन मुहद्दिसे देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! के बड़े भाई हज़रत अल्लामा मुफ़्ती शाह अब्दुल अज़ीज़ मुहद्दिसे देहलवी नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह बुढ़ापे की वजह से अमराज़ और कमज़ोरी में मुब्तला हो गए जिस की वजह से दिमाग के काम में परेशानी बढ़ने लगी तो ज़ियादा तर ये काम आप ही करते थे, आप आखरी उमर तक दीनी खिदमात में मसरूफ रहे।

वफ़ात

आप की वफ़ात अकबर शाह सानी के दौरे हुकूमत 1233/ हिजरी मुताबिक 1817/ ईसवी सत्तर साल की उमर में हुई।

मज़ार शरीफ

आप का मज़ार मुबारक दिल्ली अरबन हॉस्पिटल! के पीछे मेंहदियाँ कब्रिस्तान में मरजए खलाइक है।

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला

रहनुमाए मज़ाराते दिल्ली

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