हज़रत मौलाना मुहम्मद उमर रज़ा खान कादरी मद्दा जिल्लाहुल आली की ज़िन्दगी

हज़रत मौलाना मुहम्मद उमर रज़ा खान कादरी मद्दा जिल्लाहुल आली की ज़िन्दगी

नाम व नसब

मुहम्मद उमर रज़ा खान बिन, हज़रत मौलाना कमर रज़ा खान बिन, मुफ़स्सिरे आज़म हिन्द मुहम्मद इबराहीम रज़ा खान बिन, हुज्जतुल इस्लाम मुफ़्ती हामिद रज़ा खान बिन, मुजद्दिदे आज़म आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान रिद्वानुल्लाही तआला अलैहिम अजमईन।

विलादत

आप की विलादत बसआदत 28/ जमादियुस सानी 1396/ हिजरी मुताबिक 27/ जून 1976/ ईसवी बरोज़ इतवार सुबह आठ बजे मुहल्लाह ख्वाजा क़ुतुब मरकज़े अकीदत ज़िला बरैली शरीफ में हुई, विलादत के चौथे रोज़ बारगाहे हुज़ूर मुफ्तिए आज़म हिन्द मुस्तफा रज़ा खान रहमतुल्लाह अलैह! में नानी साहिबा (हुज़ूर मुफ्तिए आज़म हिन्द की साहबज़ादी) ने हाज़िर किया, और नाम रखने के लिए अर्ज़ किया, तो फ़रमाया “अनवर रज़ा” तो अर्ज़ किया के ये भाई का नाम है (हुज़ूर मुफ्तिए आज़म हिन्द मुस्तफा रज़ा खान रहमतुल्लाह अलैह! के साहबज़ादे जो कम सिनी में विसाल फरमा गए थे) फिर फ़रमाया के “कमर रज़ा” तो अर्ज़ किया के बच्चे के वालिद का नाम है, इस पर नानी साहिबा ने अर्ज़ किया के “उमर रज़ा” कैसा रहेगा, तो फ़रमाया के अल्लाह उमर को “हज़रते उमर” जैसा बनाए, और हुज़ूर ने बैअत फ़रमाया।

वालिद माजिद

आप के वालिद मुहतरम का नाम “हज़रत मौलाना कमर रज़ा खान कादरी बरेलवी रदियल्लाहु अन्हु” है।

तालीमों तरबियत

आप की परवरिश व पर्दाख़त और इब्तिदाई तालीम व तरबियत घर के नूरानी व दीनी माहौल और पाकीज़ा गहवारए इल्मो अदब में हुई, वालिदैन करीमैन और खानदान के दीगर बुज़ुर्गों ने इल्मी इनहिमाक और तबई रुझान की वजह से पूरी तवज्जुह के साथ आप की तालीम व तरबियत और दीनी व मज़हबी नशो नुमा का पूरा ख़याल रखा,

आप ने मुख़्तसर मुदद्दत में ठोस ज़रूरी दीनी तालीम हासिल कर के असरी तालीम के लिए असरी दर्स गाह का रुख किया, और 2001/ ईसवी में एम ऐ “M, A,” अंग्रेजी में और 2004/ ईसवी में उर्दू में डबल (M, A,) किया इस तरह 2009/ बी ऐड! कर के बे मिसाल कारनामा अंजाम दिया, जिस का आज कल फुक्दान नज़र आता है, अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त आप के इल्मो अमल में मज़ीद इज़ाफ़ा फरमाए, और आप से दीनो सुन्नियत का ज़ियादा काम ले।

बैअतो खिलाफत

2005/ में उर्से रज़वी! के फरहत बख्श व पुरबहार मौका सईद पर उल्माए किराम व मशाइखे इज़ाम और अवामे अहले सुन्नत की मोजूदगी में वालिद मुहतरम हज़रत मौलाना कमर रज़ा खान रहमतुल्लाह अलैह! ने अपनी खिलाफत व नियाबत और जुमला औराद व वज़ाइफ़ की इजाज़त अता की, और 2014/ में हुज़ूर अमीने शरीअत हज़रत अल्लामा सिब्तैन रज़ा खान रहमतुल्लाह अलैह! फखरे सादाते पीरे तरीकत हज़रत अल्लामा अश्शाह सय्यद गियासुद्दीन मद्दा ज़िल्लाहुल आली कालपी शरीफ ने भी अपनी खिलाफत व इजाज़त का मजाज़ व माज़ून बनाया।

दीनी व तब्लीगी सरगर्मियां

आप के वालिद माजिद हज़रत मौलाना कमर रज़ा खान रहमतुल्लाह अलैह! के 2012/ ईसवी में विसाल पुरमालाल के बाद आप इन के सच्चे जानशीन व वली अहिद बन कर तब्लीग व इरशाद, फरोगे रज़वियत और मज़हबे हक्का की तरवीजो इशाअत के लिए हमा वक़्त कमर बस्ता रहते हैं, आप खुलूसो लिल्लाहियत और खशीयते रब्बानी के जज़्बा से सरशार हो कर सिर्फ और सिर्फ दीनी व मज़हबी उमूर में मसरूफ व मुंहमिक हैं, कोमे मिल्लत की ज़रूरतों का पास व लिहाज़ करते हुए मुल्क के अक्सर सूबों का दौरा कर रहे हैं, और मसलके आला हज़रत की हिफाज़त व सियानत और फरोगे दीनो सुन्नत का मुबारक फ़रीज़ा अंजाम दे रहे हैं, कई मज़हबी इदारे, कमेटियां, तंज़ीमें, अंजुमन और इशाअती मरकज़ की सर परस्ती व सरबराही फरमाते हुए उनकी हमा जेहत तरक्की और इन के अगराज़ो मक़ासिद की तकमील के लिए भी अपने नेक व मुफीद मश्वरों से नवाज़ते रहते हैं, यक़ीनन आप की ये तमाम बे लोस खिदमतें, दीनी व मिल्ली तहरीक रोशन व ताबनाक मुस्तकबिल की निशानदही करती नज़र आएगीं, और फरोगे सुन्नतों रज़वियत के लिए इस के देरपा असरात मुरत्तब होंगे,

आप अल्हुब्बु लिल्लाह वल बुग़्ज़ूलिल्लाह की हसीन तफ़्सीर, मुन्कसिरुल मिजाज़, बुलंद अख़लाक़, मिलनसार और खुश गुफ़्तार अपने अस्लाफ के कामिल नमूना हैं, आप अपने कीमती औकात का ज़ियादा तर हिस्सा इबादत व रियाज़त, खिदमते ख़ल्क़ और मसलके आला हज़रत की तरवीजो इशाअत में गुज़ारते हैं, अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त आप की खिदमते जलीला को कबूल फरमा कर खानदाने रज़विया का फ़रज़न्दे बाकमाल और रहबरे बेमिसाल बनाए।

रेफरेन्स हवाला

  • तज़किराए खानदाने आला हज़रत

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