हज़रत अल्लामा अहसन रज़ा कादरी बरकाती बरेलवी मद्दा ज़िल्लू हुल आली की ज़िन्दगी

हज़रत अल्लामा अहसन रज़ा कादरी बरकाती बरेलवी मद्दा ज़िल्लू हुल आली की ज़िन्दगी

नाम व नसब

मुहम्मद अहसन रज़ा बिन, हज़रत अल्लामा मुहम्मद सुब्हान रज़ा बिन, हज़रत अल्लामा रेहान रज़ा खान उर्फ़ रहमानी मियां बिन, मुफ़स्सिरे आज़म हिन्द मौलाना इब्राहीम रज़ा खान बिन, हुज्जतुल इस्लाम मुफ़्ती हामिद रज़ा खान बिन, इमाम अहमद रज़ा खान फाज़ले बरेलवी बिन, अल्लामा मुफ़्ती नकी अली खान बिन, अल्लामा रज़ा अली खान बिन, हाफ़िज़ काज़िम अली खान बिन, मुहम्मद आज़म खान बिन, सआदत यार खान बिन, शुजाअत जंग मुहम्मद सईदुल्ल्ह खान रिद्वानुल्लाही तआला अलैहिम अजमईन।

तारीखे पैदाइश

आप हुज़ूर साहिबे सज्जादा हज़रत अल्लामा अश्शाह मुहम्मद सुब्हान रज़ा खान सुब्हानी मियां मद्दा ज़िल्लू हुल आली के बड़े शहज़ादे हैं, आप की पैदाइश रज़ा नगर मुहल्लाह सौदागिरान बरैली शरीफ में मुअर्रिख़ा 7/ मार्च 1982/ ईसवी को हुई, मगर इस्नाद और दीगर दस्तावेज़ में आप की तारीखे पैदाइश 7/ मार्च 1983/ दर्ज है।

तालीमों तरबियत

साहिबे सज्जादा हज़रत अल्लामा अश्शाह मुहम्मद सुब्हान रज़ा खान सुब्हानी मियां ने निहायत ही एहतिमाम के साथ अपने इस फ़रज़न्दे अकबर और जानशीन की तालीम व तरबियत अहसन अंदाज़ में फ़रमाई, मशाईखे इज़ाम और खानदानी रिवायात के मुताबिक़ जब आप की उमर शरीफ 4/ साल 4/ महीना चार दिन की हुई, तो आप की रस्मे बिस्मिल्लाह ख्वानी अदा की गई, रस्मे बिस्मिल्लाह ख्वानी के बाद नाज़राह, उर्दू, वगेरा की इब्तिदाई तालीम आप ने असातिज़ाए मन्ज़रे इस्लाम! से हासिल फ़रमाई, इस के साथ ही आप मुहल्लाह सौदागिरान से मुत्तसिल “धीरज इंग्लिश मीडियम स्कूल” में भी असरि तालीम हासिल करते रहे, मगर आप का रूझान मज़हबी तालीम ही की तरफ था, इस लिए ज़रूरत के मुताबिक असरि तालीम हासिल करने के बाद आप मुकम्मल तौर पर उलूमे दीनिया हासिल करने लगे, दरसे निज़ामी की तालीम के सिलसिले में जहाँ आप ने असातिज़ए “दारुल उलूम मन्ज़रे इस्लाम” से इक्तिसाबे फैज़ किया घर का ऐशो आराम छोड़ कर उलूमो फुनून की तहसील के लिए दूर दराज़ का सफर भी किया, जो आज भी जारी है, चुनांचे उलूमे दीनिया हासिल करने के लिए तकरीबन एक साल केशकाल मध्य परदेश! के मदरसा फेज़ुर रसूल! एक साल अल जामियातुल इस्लामिया गंज कदीम रामपुर! एक साल दारुल उलूम गरीब नवाज़ इलाहबाद! दो साल जामिया गौसिया क़स्बा नूरिया हुसैनपुर पीलीभीत में रह कर जमाते अहले सुन्नत के माहिर असातिज़ाए किराम से इल्म हासिल करते रहे, मगर दरसे निज़ामी की तकमील और ज़ियादा तालीम आप ने यादगारे आला हज़रत “दारुल उलूम मन्ज़रे इस्लाम” ही से हासिल की, दरसे निज़ामी के साथ साथ आप ने उत्तर प्रदेश मदरसा तालीमी बोर्ड से मुंशी, मौलवी, आलिम, फ़ाज़िल, दीनियात के इम्तिहानात में आला पोज़िशन के साथ कामयाबी हासिल की, चूंकि आप को बचपन ही से अरबी ज़बानो अदब से खास शग़फ़ रहा है, इस लिए अरबी ज़बानो अदब में महारत पैदा करने और अहले ज़बान की तरह अरबी ज़बान में बोलने और लिखने की कुदरत हासिल करने की गर्ज़ से आप 2012/ ईसवी में मिस्र! तशरीफ़ ले गए।

ज़ियारते हरमैन शरीफ़ैन

हज़रत अल्लामा अहसन रज़ा कादरी बरकाती साहब क़िबला! तकरीबन 9/ साल की उमर में अपने वालिदैन करीमैन के साथ आप हज्जे बैतुल्लाह और ज़ियारते हरमैन शरीफ़ैन! के लिए तशरीफ़ ले गए, फिर 2009/ में उमराह की सआदत भी हासिल क।

अक़्द मस्नून (निकाह)

हुज़ूर मुफ्तिए आज़म हिन्द मुस्तफा रज़ा खान बरेलवी रहमतुल्लाह अलैह! के हकीकी नवासे आली जनाब रज़ाउर रहमान खान उर्फ़ जावेद मियां साहब क़िबला की शहज़ादी और अहसनुल उलमा हज़रत मौलाना सय्यद मुस्तफा हैदर हसन मियां बरकाती रहमतुल्लाह अलैह सज्जादा नशीन खानकाहे मारहरा मुक़द्दसा ऐटा की मुरीदाह “इरम फातिमा साहिबा” से 2005/ ईसवी में आप का निकाह हुआ, आप एक तालीम याफ्ता संजीदह खातून हैं,

औलादे अमजाद: तादमे तहरीर आप की तीन शहजादियाँ हैं, (1) उमम फातिमा, (2) ज़ुमम फातिमा, (3) ज़ूबिया फातिमा, आप की दोनों बड़ी शहजादियाँ हज़रत अमीने मिल्लत अमीन मियां मारहरवी से मुरीद हैं।

बैअतो खिलाफत

अहसनुल उलमा हज़रत मौलाना सय्यद मुस्तफा हैदर हसन मियां बरकाती रहमतुल्लाह अलैह! सज्जादा नशीन खानकाहे मारहरा मुक़द्दसा ऐटा के उर्से चेहल्लम के मोके पर आप शहज़ादए अहसनुल उलमा, अमीने मिल्लत हज़रत सय्यदना सरकार मुहम्मद अमीन मियां कादरी बरकाती मद्दा ज़िल्लू हुल आली सज्जादा नशीन खानकाहे बरकातिया मारहरा मुक़द्दसा ऐटा के दस्ते हक परस्त पर बैअत हुए, आप को कम सिनी ही में आप के दादा रेहाने मिल्लत हज़रत अल्लामा रेहान रज़ा खान रहमानी मियां रहमतुल्लाह अलैह! ने एक मशरूत खिलाफत इनायत फ़रमाई थी, जो मुअर्रिख़ा 25/ सफारुल मुज़फ्फर 1433/ हिजरी मुताबिक 20/ जनवरी 2012/ ईसवी बरोज़ जुमा मुबारक को 93/ वीं उर्से रज़वी! के मोके पर हज़रत साहिबे सज्जादा सुब्हानी मियां साहब क़िबला ने तमाम उल्माए किराम व मशाइखे इज़ाम और अवामे अहले सुन्नत की मौजूदगी में आप को तफ़वीज़ फ़रमाई, हज़रत रेहाने मिल्लत की खिलाफत के अलावा आप को रस्मे सज्जादगी की अदाएगी के मोके पर रफ़ीके मिल्लत हज़रत सय्यदना सरकार नजीब हैदर मियां मद्दा ज़िल्लू हुल आली ने और गुले गुलज़ारे सियादत हज़रत अल्लामा सय्यद सुहैल मियां साहब क़िबला वली अहिद व नाइब सज्जादा नशीन खानकाहे वाहिदिया तय्यबी बिलगीराम शरीफ ने भी अपनी इजाज़तों खिलाफत से नवाज़ा है।

मदरसा बोर्ड चेयरमैन

अप्रेल 2010/ ईसवी में आप को उत्तर प्रदेश हुकूमत ने यूपी मदरसा बोर्ड लखनऊ का चेयरमैन! मुन्तख़ब किया, मगर आप ने बरैली शरीफ और क़स्बा फरीदपुर में होने वाले हिन्दू मुस्लिम फसाद में मज़लूम मुसलमानो को नाजाइज़ तौर पर कैद खानो की सलाखों के पीछे डाले जाने पर एहतिजाज करते हुए इस मनसब से अस्तीफा दे दिया, अगरचे आप तकरीबन 6/ महीना की मुख़्तसर सी मुद्दत तक ही मदरसा बोर्ड की चेयरमैनी के उहदे पर फ़ाइज़ रहे, मगर इस दरमियान आप ने कई अहम् कारनामे अंजाम दिए, आज मदरसा बोर्ड का जो जदीद निसाब है, वो आप ही का राइज करदह है, जिस में आप ने कई उल्माए अहले सुन्नत ख़ुसूसन मुजद्दिदे आज़म आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा मुहद्दिसे बरेलवी रदियल्लाहु अन्हु! की तसानीफ़ को दाखिले निसाब कराया, जवाहर भवन! में सब से नीचे वाली मंज़िल के अंदर मदरसा बोर्ड के जो दफ़ातर हैं, वो आप ही की कोशिशों से मदरसा बोर्ड को हासिल हुए, वरना आप से पहले मदरसा बोर्ड के पास सिर्फ दो कमरे सातवीं मंज़िल पर और एक कमरा आठवीं मंज़िल पर था, आप ने अपने दौर में बहुत से मदारिसे अहले सुन्नत को मंज़ूरी दी, जिस में नबीरए आला हज़रत हज़रत अल्लामा कारी तस्लीम रज़ा खान मद्दा ज़िल्लू हुल आली का मदरसा रेहानुल उलूम! नवासए हुज़ूर मुफ्तिए आज़म हिन्द हज़रत मौलाना मुहम्मद सिराज रज़ा खान मद्दा ज़िल्लू हुल आली का “मदरसा दारुल उलूम मुफ्तिए आज़म हिन्द” खास काबिले ज़िक्र है।

तहरीके तहफ़्फ़ुज़े सुन्नियत का क़याम

तहरीके तहफ़्फ़ुज़े सुन्नियत टी टी ऐस! मरकज़े अहले सुन्नत बरैली शरीफ से उठने वाली वो अज़ीम तहरीक है, हुज़ूर साहिबे सज्जादा हज़रत अल्लामा अल हाज अश्शाह मुहम्मद सुब्हान रज़ा खान सुभनी मियां! के हुक्म व इशारे पर हज़रत अल्लामा अहसन रज़ा कादरी बरकाती मद्दा ज़िल्लू हुल आली ने 15/ नवम्बर 2001/ ईसवी में काइम फ़रमाया, ये तहरीक अपने रोज़े क़याम से ले कर अब तक मुल्की सतेह पर सुन्नियों के ना जाने कितने मसाइल कामयाबी के साथ हल करा चुकि है, हत्तल मकदूर और हत्तल वसई अक़ाइदे अहले सुन्नत, मामूलात अहले सुन्नत, शिआईर व अलामात अहले सुन्नत के तहफ़्फ़ुज़ और सय्यदना मुजद्दिदे आज़म आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा मुहद्दिसे बरेलवी रदियल्लाहु अन्हु! के फरोगे अहले सुन्नत के सिलसिले में 10/ निकाती प्रोगराम की नशरो इशाअत करना इस तहरीक का बुनियादी मकसद और अहम् नस्बुल ऐन है।

खानकाहे रज़विया के पांचवीं सज्जादा की ताज पोशी

25/ सफारुल मुज़फ्फर 1436/ हिजरी 19/ दिसंबर 2014/ बरोज़ जुमा मुबारक के उर्से रज़वी! के पुरबहार मोके पर जमाते अहले सुन्नत के उल्माए किराम की मौजूदगी में हुज़ूर साहिबे सज्जादा हज़रत अल्लामा अल हाज अश्शाह मुहम्मद सुब्हान रज़ा खान सुब्हानी मियां! के तारिख साज़ फैसले को अमली जामा पहनाया गया, रफ़ीके मिल्लत हज़रत सय्यद नजीब हैदर साहब क़िबला कादरी बरकाती मद्दा ज़िल्लू हुल आली तकरीबन 2/ बजकर 20/ मिनट पर पीर खानए आला हज़रत से लाइ हुई काले रंग की दस्तार सज्जादगी हज़रत अल्लामा अहसन रज़ा कादरी बरकाती मद्दा ज़िल्लू हुल आली के सरे अक़दस पर बांध कर सरफ़राज़ किया, और साहिबे सज्जादा ने अपने जिस्म मुबारक से जुब्बाये सज्जादगी उतार कर अपने मुबारक हाथों से हज़रत अल्लामा अहसन रज़ा कादरी बरकाती मद्दा ज़िल्लू हुल आली को पहना कर मुहब्बत से उन की पेशानी को चूम लिया, हर तरफ से मुबारक बादी की सदायें बुलंद होने लगीं, तमाम अहले अकीदत और पच्चीस लाख का मजमा मुसर्रतों शादमानी में झूम उठा,

उसी रंगो नूर के माहौल में हुज़ूर रफ़ीके मिल्लत मद्दा ज़िल्लू हुल आली! ने ऐलान फ़रमाया के: “इस उर्से रज़वी! के इस्टेज से में आज अपने पांचवें सज्जादा को अपने तमाम सलासिल की इजाज़तो खिलाफत दे रहा हूँ, क्यों के वो इस के मुस्तहिक़ भी हैं और अहिल भी” इधर आप ने ऐलान फ़रमाया उधर खानकाहे वाहिदिया तय्याबिया बिलगिराम शरीफ हरदोई के वली अहद हज़रत मौलाना सय्यद सुहैल मियां साहब क़िबला! भी सुरअत के साथ माइक पर तशरीफ़ ला कर ऐलान फरमाते हैं:
“में भी हज़रत अहसन मियां को तमाम सलासिल की इजाज़त व खिलाफत देता हूँ” तकरीबन पच्चीस लाख से ज़ाइद अवामो ख्वास के इस मजमे ने हाथ उठाकर इस तारीख साज़ फैसले की ताईद भी की, और नारों के ज़रिए में अपने नए सज्जादा को खिराजे अकीदत भी पेश किया, और इन के ताबनाक मुस्तकबिल के लिए दुआएं भी कीं।

हुज़ूर ताजुश्शरिया का इज़हारे मसर्रत

कारी फ़ैजुन नबी उस्ताज़ “जामियातुर रज़ा” और हज़रत मुहम्मद जमील खान उस्ताज़ “दारुल उलूम मन्ज़रे इस्लाम” की रिवायत के मुताबिक हुज़ूर ताजुश्शरिया मुफ़्ती अख्तर रज़ा खान रहमतुल्लाह अलैह! जानशीने मुफ्तिए आज़म हिन्द ने अपने पोते हज़रत अहसन मियां! को खानकाहे आलिया रज़विया का सज्जादा नशीन मुन्तख़ब किए जाने पर ख़ुशी का इज़हार करते हुए ये मुबारक जुमला इरशाद फ़रमाया: “अच्छा! बहुत अच्छा किया”

रेफरेन्स हवाला

  • तज़किराए खानदाने आला हज़रत

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