हज़रत सय्यद शाह नजीब हैदर नूरी मारहरवी मद्दा ज़िल्लु हुल आली

हज़रत सय्यद शाह नजीब हैदर नूरी मारहरवी मद्दा ज़िल्लु हुल आली

विलादत बसआदत

आप हुज़ूर अहसनुल उलमा मुस्तफा हैदर हसन मियां मारहरवी रहमतुल्लाह अलैह के सब से छोटे साहबज़ादे हैं, और आप की पैदाइश 1, जुलाई 1967/ ईसवी में मारहरा शरीफ ज़िला एटा यूपी में हुई।

नाम शरीफ

आप का नामे नामी व इस्मे गिरामी “सय्यद मुहम्मद नजीब हैदर” है, और लक़ब रफ़ीके मिल्लत।

वालिद माजिद

आप के वालिद मुहतरम का नाम मुबारक “हुज़ूर अहसनुल उलमा सय्यद मुस्तफा हैदर हसन मियां मारहरवी रहमतुल्लाह अलैह है।

तालीमों तरबियत

आप ने कुरआन शरीफ अपनी फूफी सय्यदह हाफ़िज़ा ज़ाहिदा खातून! से और कुछ हिस्सा अपने वालिद माजिद हुज़ूर अहसनुल उलमा रहीमाहुल्लाह से पढ़ा, उर्दू की तालीम वालीदह माजिदह ने दी, आगरा यूनिवर्सिटी से गिरेजवेशन करने के बाद आप अपने वालिद माजिद हुज़ूर अहसनुल उलमा रहीमाहुल्लाह के साथ ही रहे और खानकाहे आलिया बरकातिया! की खिदमात अंजाम देने में उनकी मदद फरमाते, वालिद माजिद हुज़ूर अहसनुल उलमा रहीमाहुल्लाह ने नशो नुमा इस अंदाज़ से की है के आप खानकाह, दरगाह, उर्स और जाएदाद के मुआमलात और इंतज़ामात की निगरानी में माहिर हो गए, सिलसिले के मुरीदीन व मुतावस्सिलीन से रब्त ज़ियादा रहा, अपनी खुश मिजाज़ी और नरम अख़लाक़ के बाइस बहुत मकबूल हैं।

बैअतो खिलाफत

हज़रत सय्यद नजीब हैदर नूरी मारहरवी मद्दा ज़िल्लु हुल आली! को बैअत हुज़ूर मुफ्तिए आज़म हिन्द मुस्तफा रज़ा खान बरेलवी रहमतुल्लाह अलैह! से है, सिलसिलए आलिया कादिरिया बरकातिया में खिलाफत व इजाज़त अपने वालिद माजिद हुज़ूर अहसनुल उलमा सय्यद मुस्तफा हैदर हसन मियां मारहरवी रहमतुल्लाह अलैह! और वारिसे पंजतन हज़रत सय्यद याह्या हसन मियां रहमतुल्लाह अलैह से है, हज़रत अमीने मिल्लत ने अपनी रस्मे सज्जादगी के मोके पर सब से पहले खिलाफत फरीके मिल्लत को अता फ़रमाई, इन बुज़ुर्गों की हयात में ही मारफत की चाहत रखने वाले हज़रात आप की खुदा दाद सलाहियतों और कैफियात जज़्ब को देख कर आप के हाथ पर बैअत होने लगे,
आप को आप के ताऊ हज़रत वारिसे पंजतन अलैहिर रह्मा ने गोद लिया और आप को अपना वारिस व वली अहिद और सज्जादा नशीन हयाते ज़ाहिरी में फरमा दिया, उन के चेहल्लम के दिन उलमा व मशाइखे इज़ाम की मौजूदगी में आप सज्जादए आलिया नूरिया पर जलवा अफ़रोज़ हुए।

आप काफी मकबूल हैं

आप अपने क़स्बा मारहरा शरीफ में बहुत मकबूल हैं और यहाँ के लोग आप को बहुत चाहते भी हैं, आप को अल्लाह पाक ने दिले दर्द मंद की दौलत से नवाज़ा, आप जहाँ तक हो सकता है, मखलूके खुदा की हर जाइज़ खिदमात के लिए तय्यार रहते हैं, मेहमानवाज़ी में भी अपने बुज़ुर्गों के नक़्शे कदम पर चलते हैं, आप की इन्ही खूबियों की वजह से उल्माए किराम भी आप से बड़ी मुहब्बत फरमाते हैं, मस्जिद बरकाती में जहाँ आप के वालिद माजिद हुज़ूर अहसनुल उलमा रहमतुल्लाह अलैह ने 54, साल तक खिताबत की खिदमत अंजाम दी अब वो खिदमत आप के सुपुर्द है, अल्लाह पाक ने आप को तकरीर का जोहर अता किया है, हज़ारों लाखों के मजमे में बरजस्ता तकरीर करते हैं और जब तकरीर करते हैं तो एक अजीब जज़्ब की कैफियत तारी रहती है, जो अपने सुनने वालों को अपने अंदर समेट लेती है।

सीरतो ख़ासाइल

खानकाहे बरकातिया, में तामीर दरगाह के इन्तिज़ामो इनसिराम, तमाम एहतिमाम उर्स, मशाइख की सालाना फातिहा, ज़ाएरीने दरगाह से मुलाकात जैसे तामाम काम आप बा खूबी करते हैं, हज़रत सय्यद नजीब हैदर नूरी मद्दा ज़िल्लु हुल आली! पीरे तरीकत होने के साथ साथ एक अच्छे मुन्तज़िम हैं, इनको काम करने व कराने का हुनर और सलीका खूब आता है,
अपने वतन मारहरा शरीफ में कसबे के लोगों के लिए आला तालीम के वास्ते हज़रत सय्यद नजीब हैदर नूरी मद्दा ज़िल्लु हुल आली! ने “मारहरा पब्लिक स्कूल” शुरू किया जिस में 900, बच्चे हैं “जामिया अहसनुल बरकात” इन की निगरानी में चल रहा है और उम्मीद है के आने वाले दिनों में ये दारुल उलूम अहले सुन्नत! का फख्र होगा,
हुज़ूर अहसनुल उलमा रहमतुल्लाह अलैह के विसाल के बाद आप ने मुल्क के कोने कोने में तब्लीगी दौरे किए और सिलसिले आलिया कादिरिया बरकातिया के फरोग के लिए बड़ी मुख्लिस कोशिशें कीं, हज़रत सय्यद नजीब हैदर नूरी मद्दा ज़िल्लु हुल आली! उल्माए किराम से बहुत मुहब्बत फरमाते हैं, उन की खातिर तवाज़े में हज़रत सय्यद नजीब हैदर नूरी मद्दा ज़िल्लु हुल आली! का अंदाज़ दाद देने के काबिल है,
हज़रत सय्यद नजीब हैदर नूरी मद्दा ज़िल्लु हुल आली! की सीरत का एक पहलू इन की शख्सीयत को इम्तियाज़ी सफ में ला कर खड़ा करता है और वो है इन की समाजी खिदमात का ज़ौक़, बीमारों का इलाज कराने, बच्चियों की शादियां कराने, लोगों के घर तामीर कराने में वो खुद को हमेशा अव्वल सफ में रखते हैं, इन का दस्तर ख्वान बहुत वसी है, खानकाह में इन के दम से सखावत और ज़ियाफ़त की बहारें हैं,
अल्लाह पाक अपने हुज़ूर रह्मते आलम नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके व तुफैल से आप को लंबी उमर अता फरमाए और खल्के खुदा यूही आप से फ़ैज़याब होती रहे।

अक़्द मस्नून

आप की शादी अपनी सब से छोटी खाला की सब से छोटी बेटी सय्यदह शबिस्तां साहिबा से 1994, ईसवी में हुई, आप की अहलिया ज़ेवरे तालीम से आरास्ता हैं, इन से आप की एक साहबज़ादी सय्यदह आरिफा और दूसरे साहबज़ादे सय्यद हसन हैदर! और मुहम्मद मुहसिन, तीनो अभी तालीम हासिल कर रहे हैं।

आप के खुलफाए किराम

(1) बड़े साहबज़ादे सय्यद हसन हैदर
(2) मुफ़्ती अफाक अहमद मुजद्दिदी कन्नौज
(3) मुफ़्ती मुहम्मद हनीफ बरकाती कानपूर
(4) मशहूर सना ख्वाने मुस्तफा ओवैस रज़ा कादरी पाकिस्तान
(5) हाजी अब्दुल गफ्फार परदेसी
(6) हाजी मुहम्मद आरिफ
(7) मौलाना मुजीब अशरफ साहब
(8) मौलाना सगीर अहमद साहब जोखनपुरी
(9) मुफ़्ती कलंदर साहब करनाटक रेफरेन्स हवाला :-
((1) बरकाती कोइज़
(2) तज़किरा मशाइखे मारहरा

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