हज़रत ख्वाजा अब्दुल हई सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह

हज़रत ख्वाजा अब्दुल हई सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह

हज़रत ख्वाजा शैख़ अब्दुल हई सोहरवर्दी रहमतुल्लाह अलैह

आप हज़रत ख्वाजा शैख़ जमाली सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह के छोटे साहब ज़ादे हैं, हज़रत ख्वाजा शैख़ अब्दुल हई सोहरवर्दी रहमतुल्लाह अलैह के अंदर वो तमाम खूबियां मौजूद थीं, जो आप के अस्लाफ बुज़ुरगाने दीन में थीं, और आप बड़ी खूबियों के मालिक थे, आप अपने ज़माने में इल्मों फ़ज़ाइलो कमालात के जामे और मरजए खासो आम थे, हज़रत ख्वाजा शैख़ जमाली सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह इन से मुहब्बत करते और दिल से चाहते थे,

हज़रत ख्वाजा शैख़ अब्दुल हई सोहरवर्दी रहमतुल्लाह अलैह! का तखल्लुस हयाती! था, इन की बदही गोई, और फय्याज़ी व हुसने अख़लाक़ की मुजद्दिदे वक़्क़त हज़रत शैख़ अब्दुल हक मुहद्दिसे देहलवी कादरी रहमतुल्लाह अलैह ने भी बड़ी तारीफ फ़रमाई है, आप की ज़िन्दगी बहुत सादा थी, और अजीबो गरीब वाक़िआत सुनाते थे, दोस्तों के साथ बड़ी सख्वात से पेश आते थे, क्यों के आप हर जमात के राज़ दार थे, इसी लिए सब एहतिराम करते थे, इज़्ज़तो और बुज़ुरगी के बावजूद हर शख्स से बिला तकल्लुफ मिलते थे, मामूली सी आमदनी में बड़े खुश मगन रहते थे, किसी को आप की तकलीफ ज़र्रा बराबर भी मालूम नहीं होती थी, रोज़ाना सेरो सियाहत और शोको ज़ोक में रहते थे, अफगानो के दौरे हुकूमत में जो कोई तालिबे इल्म दिल्ली आता तो आप के घर में क़याम करता, हुसने सुकूल और खिदमते ख़ल्क़, आप की आदत थी, जो आप के वालिद मुकर्रम हज़रत ख्वाजा शैख़ जमाली सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह से तरके में मिली थी।

वफ़ात

आप ने बादशाह इस्लाम शाह के दौरे हुकूमत में 959/ हिजरी में वफ़ात पाई।

मज़ार मुबारक

आप का मज़ार शरीफ क़ुतुब मीनार के करीब एग्री कल्चलर पार्क में महरोली शरीफ दिल्ली 30/ इंडिया में ज़ियारत गाहे खल्क है।

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला

रहनुमाए मज़ाराते दिल्ली

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