हज़रत ख्वाजा शमशुद्दीन बाबर चिश्ती देहलवी रहमतुल्लाह अलैह
आप हज़रत ख्वाजा अबुल हसन अमीर खुसरू रहमतुल्लाह अलैह के भांजे हैं, आप अपने वक़्त के अज़ीम आलिमे दीन थे, और अपने पीरो मुर्शिद सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की मुहब्बत में सोख्ता और मशहूर थे,
हज़रत नूरुद्दीन मुबारक रहमतुल्लाह अलैह फरमाते हैं, के जब ये आशिके सादिक नमाज़ के लिए सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह के जमात खाने में हाज़िर होते तो तक्बीरे तहरीमा के वक़्त जब तक सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह का दीदार न कर लेते नियत न बांधते यानि सफ से सर मुबारक बाहर निकाल कर पहले सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह का चेहराए मुबारक देखते फिर नियत बांधते थे,
सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह इन के मरज़ुल मौत में इन की ईयादत को जा रहे थे के रास्ते में आप को इत्तिला मिली के वो अज़ीज़ जो मरज़े इश्क में मुब्तला था इन्तिकाल कर गया, सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह ने ये खबर सुन कर फ़रमाया, अल्हम्दुलिल्लाह! के दोस्त के पास दोस्त पहुंच गया।
वफ़ात
हज़रत ख्वाजा शमशुद्दीन बाबर चिश्ती देहलवी रहमतुल्लाह अलैह ने कुतबुद्दीन मुबारक खिलजी के दौरे हुकूमत में 722/ हिजरी मुताबिक 1322/ ईसवी में वफ़ात पाई।
मज़ार मुबारक
आप का मज़ार शरीफ दरगाह सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह के अंदर हज़रत ख्वाजा अबुल हसन अमीर खुसरू रहमतुल्लाह अलैह के मज़ार मुक़द्दस के बाहर जाली के अंदर है।
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”
रेफरेन्स हवाला
रहनुमाए मज़ाराते दिल्ली