बैअतो खिलाफत
हज़रत ख्वाजा मीरां शाह नानू चिश्ती देहलवी रहमतुल्लाह! हज़रत ख्वाजा शैख़ जलालुद्दीन चिश्ती थानिसरि रहमतुल्लाह अलैह की औलाद से थे, आप का असली वतन थानीसर था, ज़ाहिरी उलूमो फुनून मुकम्मल हासिल करने के बाद दिल्ली तशरीफ़ लाए और चांदी चौक मस्जिद फतेहपुरी के एक हुजरे में रहने लगे, रफ्ता रफ्ता आप की करामात और फीयूज़ो बरकात का शुहरह हो गया, एक ख़ास तादाद लोगों ने आप से रुश्दो हिदायत फ़ैज़ो बरकात हासिल किया, और क़ुत्बे ज़माना, आफ़ताबे इल्मो मारफ़त, आबिदो ज़ाहिद, आफ़ताबे हकीकत, मुजद्दिदे वक़्त, आरिफ़े बिल्लाह, फनी फिल्लाह, हज़रत शैख़ कलीमुल्लाह शाह जहाँ आबादी चिश्ती देहलवी रहमतुल्लाह अलैह के खलीफा हैं, बाज़ हज़रत का कहना है के आप हज़रत ख्वाजा मीरां शाह नानू चिश्ती देहलवी रहमतुल्लाह! के हम अस्र सूफी बुज़रुग हैं,
वफ़ात
हज़रत ख्वाजा मीरां शाह नानू चिश्ती देहलवी रहमतुल्लाह! ने 9/ रबीउल अव्वल 1060/ हिजरी को वफ़ात पाई।
मज़ार मुबारक
आप का मज़ार मुक़द्द्स मस्जिद फतेहपुरी में होज़ के पास एक अहाते में बना हुआ है, जो ज़ियारत गाहे खलाइक है।
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”
रेफरेन्स हवाला
रहनुमाए माज़राते दिल्ली
औलियाए दिल्ली की दरगाहें