हज़रत मौलाना नासिहुद्दीन सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह

हज़रत मौलाना नासिहुद्दीन सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह ज़िन्दगी

हज़रत मौलाना नासिहुद्दीन सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह

आप हज़रत ख्वाजा क़ाज़ी हमीदुद्दीन नागोरी सोहरवर्दी रहमतुल्लाह अलैह के बड़े फ़रज़न्द अर्जमन्द हैं, हज़रत ख्वाजा क़ाज़ी हमीदुद्दीन सोहरवर्दी नागोरी रहमतुल्लाह अलैह ने इन को सिलसिलए तब्लीग के लिए दिल्ली में क़याम का हुक्म दिया, लिहाज़ा हज़रत ख्वाजा क़ाज़ी हमीदुद्दीन नागोरी सोहरवर्दी रहमतुल्लाह अलैह के विसाल के बाद यही सज्जादा नशीन हुए और आप से सिलसिलए सोहरवर्दिया का खिरकए खिलाफत हासिल करने के लिए लोग दिल्ली आते थे, हज़रत सय्यद शरफुद्दीन हसन शाहे विलायत अमरोहावी ने आप से फियूज़ो बरकात हासिल किए,

सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! ने फ़रमाया के एक शख्स जिसे लोग अज़ीज़ बशीर कहा करते थे, फकीरों का खिरका हासिल करने के लिए बदायूं शरीफ से दिल्ली आया, यहाँ आते ही उस ने इस नियत से होज़ सुल्तानी पर लोगों को जमा किया, इस इज्तिमा में बहुत से फ़कीर भी मौजूद थे, अज़ीज़ बशीर ने होज़ सुल्तानी की तरफ देख कर कहा के ये मामूली होज़ हे और बदायूं का होज़ सागर बहुत अच्छा है, इस इज्तिमा में एक शख्स मुहम्मद कबीर नामी भी मौजूद थे, जब उन्होंने ये बात सुनी तो हज़रत मौलाना नासिहुद्दीन सोहरवर्दी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह से अर्ज़ किया के इस को दुरवेशों का खिरका ना देना क्यों के ये शख्स बड़ा झूठा और कज़्ज़ाब है।

वफ़ात

आप ने 712/ हिजरी में वफ़ात पाई।

मज़ार शरीफ

आप का मज़ार शरीफ दिल्ली में हज़रत ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार देहलवी रहमतुल्लाह अलैह के मज़ार मुकद्द्स को जाते हुए सीधे हाथ को पहला माज़र आप का है यानि दरवाज़े में घुसते ही अव्वल मज़ार है।

मरजए खलाइक है।
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला

रहनुमाए माज़राते दिल्ली
औलियाए दिल्ली की दरगाहें

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