हज़रत ख्वाजा मौलाना बख्शी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह

हज़रत ख्वाजा मौलाना बख्शी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह

हज़रत ख्वाजा मौलाना बख्शी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह

आप का इस्मे गिरामी “मुहम्मद” “तखल्लुस बख्शी” था, आप इब्तिदा शुरू उमर में बड़े आज़ाद थे, लेकिन आखिर में अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त के करम से फकीरों का रास्ता और मुजाहिदा व रियाज़त की नेमत से सरफ़राज़ फरमाए गए, और तीन साल तक मुसलसल रोज़े रखे, इबादतों रियाज़त में मशगूल रहे,

दिल्ली में सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह के करीब राईसे वक़्त मिर्ज़ा मुहम्मद अज़ीज़ ने आप के लिए एक खानकाह बनवाई थी, आप इसी में इबादतों रियाज़त में मशगूल रहते थे, आप दिल्ली की वीरान गलियों में घूमते फिरते थे, और कश्फे कुबूर से मुतअल्लिक़ बहुत सी चीज़ें आप से मन्क़ूल हैं, वफ़ात के वक़्त आप का दिल बेदार था,

वफ़ात

हज़रत ख्वाजा मौलाना बख्शी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह ने 901/ हिजरी में वफ़ात पाई

मज़ार मुबारक

आप का मज़ार शरीफ, सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह के अहाते में मरजए खलाइक है।

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”

रेफरेन्स हवाला

रहनुमाए मज़ाराते दिल्ली

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