विलादत शरीफ
आप की पैदाइश शहर पाकपटन शरीफ में शैखुल इस्लाम हज़रत बाबा फरीदुद्दीन मसऊद गंजे शकर रहमतुल्लाह अलैह की हयाते मुबारिका में हुई, आप की कुन्नियत “अबुल कासिम” रखी गई।
बैअतो खिलाफत
आप सय्यद मुहम्मद बिन महमूद किरमानी के सब से बड़े बेटे और सय्यद मुहम्मद उर्फ़ हज़रत ख्वाजा सय्यद अमीर अहमद चिश्ती देहलवी रहमतुल्लाह अलैह मुसन्निफ़ “सेरुल औलिया” के वालिद मुकर्रम हैं, आप शैखुल इस्लाम हज़रत बाबा फरीदुद्दीन मसऊद गंजे शकर रहमतुल्लाह अलैह के मुरीद थे, आप मकबूल औलिया और मेहमान नवाज़ी में मशहूर थे।
सीरतो खसाइल
हज़रत ख्वाजा सय्यद नूरुद्दीन मुबारक चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह! ने बहुत से बुज़ुरगों की सुहबत से फैज़ हासिल किया था, अल्हम्दुलिल्लाह! आप ने 90/ साल की लम्बी उमर पाई मगर इस के बावजूद कभी दुनिया और इस की चीज़ों की तरफ ज़रा सी भी रगबत भी नहीं की और दुनिया की आलूदगी में मशगूल नहीं हुए, आप अपने मुतअल्लिक़ीन के साथ निहायत अच्छी ज़िन्दगी बसर करते थे, महमानो के साथ निहायत खातिर मदारात से पेश आते और इन के सामने पुरलुत्फ खाने पेश करते, अहले दुनिया आप के मज़ेदार खानो की बड़ी तमन्ना रखते थे, उल्माए किराम और फुकरा से बहुत प्यारो अकीदत रखते थे, पढ़ने पढ़ाने, दुरवेशों की खिदमत अहले इश्क से मुहब्बत और इन की सुहबत इख़्तियार करने की अपनी औलाद को तरग़ीब देते थे,
आप की उमरे अज़ीज़ सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की नज़रे रहमतो शफ्तक में गुज़री, ये तमाम बरकतें इस वजह से थी के आप ने शैखुल इस्लाम हज़रत बाबा फरीदुद्दीन मसऊद गंजे शकर रहमतुल्लाह अलैह के ज़ेरे निगरानी परवरिश पाई थी और आप ने अपने मुँह शरीफ का पान अपने दस्ते करम से इनके मुँह में रखा था, हज़रत शैख़ अलाउद्दीन के साथ हज़रत मौलाना बदरुद्दीन इसहाक रहमतुल्लाह अलैह से तालीम हासिल की थी,
वफ़ात
हज़रत ख्वाजा सय्यद नूरुद्दीन मुबारक चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह! ने फ़िरोज़ शाह के दौरे हुकूमत 15/ सफारुल मुज़फ्फर 739/ हिजरी मुताबिक 1338/ में वफ़ात पाई।
मज़ार मुबारक
आप का मज़ार शरीफ, सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह के अहाते में मरजए खलाइक है।
“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो”
रेफरेन्स हवाला
रहनुमाए माज़राते दिल्ली