हज़रत ख्वाजा शाह मुहम्मद अफाक नक्शबंदी मुजद्दिदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

हज़रत ख्वाजा शाह मुहम्मद अफाक नक्शबंदी मुजद्दिदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी

विलादत शरीफ

वहीदे अस्र, फखरुल अतकिया, गव्वासे दीन, महरमे असरार, मख़्ज़ने अनवार, हज़रत अल्लामा ख्वाजा शाह मुहम्मद अफाक नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! हज़रत ख्वाजा मिर्ज़ा मज़हरे जाने जाना शहीद रहमतुल्लाह अलैह की दुआ से पैदा हुए थे, और आप की विलादत 1160/ हिजरी में हुई। 

नाम मुबारक

आप का इस्म शरीफ हज़रत ख्वाजा शाह मुहम्मद अफाक नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह है।

शजराए बैअतो खिलाफत

आप मुरीद है हज़रत ख्वाजा ज़ियाउल्लाह नक्शबंदी मुजद्दिदी रहमतुल्लाह अलैह! से, और कुछ अरसे के बाद खिलाफत से सरफ़राज़ हुए, और ये मुरीद हैं, हज़रत ख्वाजा मुहम्मद जुबेर नक्शबंदी से, और ये मुरीद, हज़रत ख्वाजा हुज्जतुल्लाह नक्शबंदी सानी से, और ये मुरीद हुए, उरवतुल वुसका हज़रत ख्वाजा मुहम्मद मासूम से, और ये मुरीद इमामे रब्बानी मुजद्दिदे अल्फिसानी शैख़ अहमद सरहिंदी फारूकी रहमतुल्लाह अलैह! से, मुरीद होने के बाद आप ने सख्त रियाज़तो मुजाहिदा किए और दर्जाए कमाल को पहुंचे।

सेरो सियाहत

हज़रत अल्लामा ख्वाजा शाह मुहम्मद अफाक नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! अफगानिस्तान तशरीफ़ ले गए, वहां लोगों ने आप से बहुत फैज़ पाया, बहुत लोग आप के हल्काए इरादत में दाखिल हुए, और शाहे अफगानिस्तान शाहे ज़मान! आप का मुरीद मोतक़िद था।

आप की शानो अज़मत

हज़रत ख्वाजा शाह मुहम्मद अफाक नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह! की बुज़ुर्गी का अंदाज़ा इससे होता है के हज़रत अल्लामा शाह गुलाम अली नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह अपने बाज़ मुरीदों को आप की खिदमत में भेजा करते थे, ये मुरीद आप की खिदमत में भेजा करते थे, ये मुरीद आप की खिदमते बा बरकत में बाद तालीम व तकमील हाज़िर होते थे, लेकिन इन की तकमील उसी वक़्त पूरी समझी जाती थी के जब आप उन को मुकम्मल पाते।

सीरते पाक

हज़रत ख्वाजा शाह मुहम्मद अफाक नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह साहिबे जज़्ब थे, हमा वक़्त मुस्तग़रक रहते थे, निस्बते इश्क आप पर ग़ालिब थी, आप जामे शरीअतो तरीकत थे, असरारे हकीकत से वाकिफ थे, आप मुर्शिदे कामिल थे, फक्र, तवक्कुल, कनाअत, ज़ुहदो वरा, तक्वा तदय्युन परहेज़गारी, में अपना नज़ीर नहीं रखते थे, आप शैख़े वक़्त थे।

कशफो करामत

हज़रत मौलाना फ़ज़्ले रहमान गंज मुरादाबाद रहमतुल्लाह अलैह दिल्ली से अपनी वालिदा को खर्च के लिए पांच रुपये भेजना चाहते थे,  हज़रत ख्वाजा शाह मुहम्मद अफाक नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह ने वो रूपये उन से ले लिए, और फ़रमाया भेज दिए जाएंगे, इस के बाद आप ने हज़रत मौलाना फ़ज़्ले रहमान गंज मुरादाबाद रहमतुल्लाह अलैह से फ़रमाया के रुपये आप की वालिदा के पास पहुंच गए, कुछ दिनों बाद जब हज़रत मौलाना फ़ज़्ले रहमान गंज मुरादाबाद रहमतुल्लाह अलैह से मिलने के लिए गए, तो आप को मालूम हुआ के उसी रात आप ने दरवाज़े पर पुकार कर वो रुपये आप की वालिदा को दे दिए थे और उनके बेटे की खैरियत भी बतला दी ।

आप के खुलफाए किराम

आप के अज़ीम जलीलुल कद्र खलीफा ओवैसे ज़मा हज़रत मौलाना फ़ज़्ले रहमान गंज मुरादाबाद रहमतुल्लाह अलैह, हैं, औरहज़रत शाह नसीरुद्दीन देहलवी रहमतुल्लाह अलैह जैसे अज़ीम हस्तियां आप के मुमताज़ खुलफ़ा में हैं।       

मज़ार शरीफ

आप का मज़ार शरीफ दिल्ली में रोशन आरा रोड पर जयपुर ट्रांसपोर्ट के पास में ही मरजए खलाइक है।

“अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की उन पर बेशुमार रहमत हो और उन के सदके में हमारी मगफिरत हो” 

रेफरेन्स हवाला                                                                                  

  • रहनुमाए मज़ाराते दिल्ली
  • दिल्ली के बाइस 22, ख्वाजा

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